भारत तेजस Mk1A विमानों के लिए F404 इंजन जल्दी पाने के लिए अमेरिका से बात कर रहा है। अभी तक भारत को जनरल इलेक्ट्रिक (GE) से दो इंजन मिले हैं। इन इंजनों के मिलने में एक साल से ज्यादा की देरी हुई है। तीसरा इंजन इस महीने मिल जाएगा। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अमेरिका की GE ने कहा है कि वह अक्टूबर तक हर महीने एक इंजन देगा। अक्टूबर के बाद हर महीने दो इंजन देगा। इससे पहले यह खबरें आ रही थीं कि भारत अमेरिका से रक्षा सौदे रोक सकता है। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के वायुसैनिक ठिकानों को तबाह करने वाली भारतीय वायुसेना के जंगी बेड़े में तेजस के शामिल होने से भारत की रक्षा क्षमता में और इजाफा होगा। ट्यूजडे ट्रीविया में यह जानते हैं कि अमेरिका के इन इंजनों से तेजस का तेज और कितना बढ़ेगा? क्या ये पाकिस्तान को परेशान करने वाला होगा? रिपोर्ट के अनुसार, 99 इंजनों के शुरुआती ऑर्डर के लिए इंजन जल्दी खरीदने की बात चल रही है। इसके अलावा, 97 और तेजस Mk1A विमानों के लिए भी बात हो रही है। रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, F-404 इंजन के फॉलो-अप ऑर्डर का सौदा लगभग पूरा हो गया है। यह अगस्त के अंत तक हो सकता है। एक और बड़ी बात यह है कि भारत में बनने वाले AMCA और तेजस Mk2 विमानों के लिए अमेरिका से F414 इंजन खरीदने पर भी बात चल रही है। F414 इंजन पर भी बातचीत चल रही है और तकनीकी बातें पूरी हो चुकी हैं। सूत्रों के अनुसार, इसे पूरा होने में कुछ महीने और लग सकते हैं। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान वायुसेना के कई ठिकाने तबाह हो गए थे। इससे पहले सरकारी सूत्रों ने रॉयटर्स की एक खबर को गलत बताया था। उस खबर में कहा गया था कि ट्रंप द्वारा टैरिफ 50 प्रतिशत बढ़ाने के बाद भारत अमेरिका से हथियार और विमान खरीदना रोक सकता है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि यह खबर झूठी और मनगढ़ंत है। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन, डीसी के साथ रक्षा सौदे रद्द करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है। रक्षा खरीद पहले की तरह ही चल रही है।

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