भारत के अगले उपराष्ट्रपति कौन होंगे, इस पर चर्चा जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के दिन से ही शुरू हो गई थी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन ने अभी तक इस पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। हालांकि, माना जा रहा है कि एनडीए अपने उम्मीदवार की घोषणा जल्द कर सकता है। हालाँकि न तो सरकार और न ही उसके सहयोगियों ने कोई आधिकारिक बयान दिया है। हाल ही में हुई एनडीए की बैठक में उम्मीदवार चुनने की ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपी गई थी।
उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितम्बर को होगा। धनखड़ के इस्तीफे के बाद, अगले उपराष्ट्रपति पद के लिए कई नामों पर चर्चा हो रही है। इनमें राज्यसभा के उपसभापति और जदयू नेता हरिवंश सिंह, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत शामिल हैं। वहीं, अब एक और नाम सुर्खियों में बड़ी तेजी से आया है। यह नाम त्ैै के पुराने और भरोसेमंद चेहरे शेषाद्रि रामानुजन चारी का है। इनके नाम को आगे कर भाजपा दक्षिण भारत की राजनीति को मजबूत कर सकती है।
जानकारी के अनुसार शेषाद्रि रामानुजन चारी एक भारतीय राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक और विदेश नीति विश्लेषक हैं। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक या विचारक हैं। राजनीतिक संगठन में सक्रिय, चारी वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य हैं और पूर्व में भाजपा की विदेश नीति के प्रमुख रह चुके हैं। वे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) में शासन सलाहकार भी रहे हैं।
2 अप्रैल 1953 को महाराष्ट्र के बॉम्बे के माटुंगा में जन्मे शेषाद्रि चारी, पिता रामानुजन चारी और माता कल्याणी, जो तंजावुर के तमिल ब्राह्मण थे, के घर जन्मे शेषाद्रि चारी पांच संतानों में से एक हैं। आपातकाल के बाद, वे पहले मुंबई महानगर और फिर ठाणे में आरएसएस के प्रचारक बने। 1988 में, उन्हें भारतीय जनता पार्टी में स्थानांतरित कर दिया गया जहाँ वे भाजपा की मुंबई इकाई के महासचिव बने। चारी 1992 से 2004 तक आरएसएस की साप्ताहिक पत्रिका ऑर्गनाइज़र के संपादक के रूप में प्रसिद्ध हुए। 2007 में, चारी आरएसएस में पार्टी कार्यकर्ता प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष थे।